बैरागी समाज का इतिहास history of bairagi
बैरागी या वैष्णव ब्राह्मण एक प्रतिष्ठित भारतीय जाति हैं। विष्णु के उपासक ब्राह्मणों को वैष्णव या बैरागी कहा जाता है। वैष्णव सम्प्रदाय के समस्त प्राचीन मंदिरो की अर्चना वैष्णव-ब्राह्मणों (बैरागी) द्वारा ही की जाती है। वैष्णवीय आध्यात्मिक मार्ग में परम्परानुसार इन्हें गुरु पद प्राप्त है। पुराणों में वैष्णवों के चार सम्प्रदाय वर्णित हैं। वैष्णवीय परम्परा कर्मकांड पर जोर ना देते हुए भक्तिमार्ग पर अधिक जोर देती है। अतः वैष्णव ब्राह्मण मंदिरो में भगवान की पूजा अर्चना करते है।
१८५५ का एक वैष्णव ब्राह्मण (बैरागी) का चित्रण जिसके शरीर पर धार्मिक चिन्ह हैं और हाथ में पानी का बर्तन है।
विशेष निवासक्षेत्र
मध्यप्रदेश
राजस्थान
महाराष्ट्र
उत्तर प्रदेश
छत्तीसगढ़
पश्चिम बंगाल
गुजरात
भाषाएँ
हिंदी
ब्रज भाषा
राजस्थानी भाषा
मराठी
बंगाली भाषा
गुजराती
धर्म
हिन्दू
बैरागी हिन्दू ब्राह्मणों का वर्ग हैं जो वैष्णववाद का पालन करतूत हैं
बैरागी समाज की उत्पत्ति
वेदों और पुराणों में वैष्णव-ब्राह्मणों का वर्णन कई बार आया है। सृष्टि के आरम्भ में ही भगवान श्री हरि विष्णु ने ब्रह्मा को व ब्रह्मा जी ने सर्वप्रथम सनकादिक व सप्तऋषियों की उतपत्ति करि वे सर्वप्रथम वैष्णव कहलाये
बैरागी कौन है
बैरागी कहा से आये
आखिर बंदा वीर बैरागी कोन था
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